स्टेटस हिंदी शायरी ▷ Status Hindi poetry

स्टेटस हिंदी शायरी ▷ Status Hindi poetry

स्टेटस हिंदी शायरी ▷ Status Hindi poetry : 

काश…काश…

कहने की हैं बातें
डरता हूँ
जब सोता हूँ रातें 
सोचता हूँ

काश हम मिलें 
कुछ बोलें
दर्द सिले 
कुछ न टोले

चाहता नहीं हूँ 
पर चाहता भी हूँ 
क्यों यह रिश्ता 
नहीं जाता बरिस्ता

चलो कुछ लम्हों के लिए 
बन जाओ मेरे लिए 
मैं रहूँ तुम्हारी बाहों में 
और तुम मेरी सांसों में

काश …काश …

-रोहन भरद्वाज

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ऐ खुदा उसके साथ रख 
थोड़ा पास रख 
उसकी ख़ुशी के लिए तेरे पास आया हूँ 
मेरी दुआ अब तेरे क़दमों में रख

मानता हूँ भूल गया था मैं 
लेकिन अब वापिस आया हूँ तो निराश न रख

बच्चा समझ के माफ़ कर दे मुझे 
तेरे क़दमों में मेरे लिए थोड़ी सी जगह रख 
ऐ खुदा उसके साथ रख 
थोड़ा पास रख

प्यार करता हूँ मैं उस से बेपनाह 
दूर होके नहीं रह सकता उसके बिना

शादी न सही 
लेकिन उसको मेरी नज़रों के सामने रख 
ऐ खुदा उसके साथ रख 
थोड़ा पास रख

-The Fiend

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दिल किसी का तोड़ना मत

प्यार सच्चा झूठा करना मत,
कभी भी दिल किसी का तोड़ना मत
तोड़ना मत

दिल नाज़ुक होता है तो
उसे तोड़ना मत

दिल कोई खेल का मैदान नहीं
उसपे प्यार का खेल खेलना मत

चाहते हो तुम किसी को दिल से 
तो उसकी आँखों में आँसू लाना मत

कभी भी दिल किसी का तोड़ना मत 
तोड़ना मत

प्यार एक खूबसूरत दरिया है

उसमें झूठ का कचरा फैलाना मत

जिसे तुम प्यार करते हो 
उसे धोखा देना मत

कभी भी किसी का दिल तोड़ना मत 
तोड़ना मत

-नरेश दिला
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कभी दो हमें भी यह मौका, 
सजदे में तेरे झुक जाएं हम,
लेके हाथ तेरा हाथों में, 
प्यार की चूड़ियाँ पहनाएं हम 
कभी दो हमें भी यह मौका,

कभी दो हमें भी यह मौका, 
ज़ुल्फों की छाँव में रहने का,
तेरे कानों में गुफ़्तगू कहने का, 
कभी दो हमें भी यह मौका,

कभी दो हमें भी यह मौका, 
होठों से होठ मिलाने का, 
तेरी बाहों में सो जाने का, 
रात में तेरे ख्वाबों में जी लेने का, 
कभी दो हमें भी यह मौका,

कभी दो हमें भी यह मौका, 
शाम के एहसास का, 
गहरे से जज़्बात का, 
आँखों में डूब जाने का, 
कभी दो हमें भी यह मौका,

कभी दो हमें भी यह मौका, 
नज़्म में तुझको दिल दे जाने का, 
ग़ज़ल में तेरे गीत गुनगुनाने का, 
सुरों की ज़िन्दगी में तेरे शामिल हो जाने का, 
कभी दो हमें भी यह मौका,

कभी दो हमें भी यह मौका, 
ज़िन्दगी की मुकम्मलता का, 
दुल्हन बन के तुम्हारे घर आजाने का, 
सुहाग की सेज पर हमको प्यार जताने का, 
कभी दो हमें भी यह मौका,

कभी दो हमें भी यह मौका, 
सुबह आँख खुले तो तेरे दीदार का, 
बाहों में सुलगते से जिस्म का, 
मांग में तेरी सिन्दूर भर देने का, 
कभी दो हमें भी यह मौका, 
खुदको जाता देने का, 
अपना प्यार दिखने का, 
कभी दो हमें भी यह मौका
-गौरव
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लिख न सके 
बहुत कुछ सोचा पर कम लिखूं 
कभी आप कभी मैं कभी हम लिखूं 
आप का प्यार लिखूं आप की वफा लिखूं
आप की शरमो हया लिखूं 
आप की बातें लिखूं
आप के साथ बितायी हसीन रात लिखूं
अब आप ही बताइए कि मैं क्या लिखूं
-नेहा चौधरी

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समय मिले तो आकर मिलना
लाइब्रेरी की टेबल पर,
कुछ न बोलेंगें हम ज़ुबाँ से
और अटकेंगे किताबों पर,
पलटेंगे पेजों को यूँ हीं
लफ्ज़ सुनेंगें हज़ारों पर,
लिखे हुए लैटर का क्या करना ?
जज़्बात पढ़ेंगे आँखों पर,
दांतों तले कभी होंठ दबाते
मुस्कान छुपायेंगे होंठों पर,
समय मिले तो आकर मिलना,
लाइब्रेरी की टेबल पर।

–मयंक गुप्ता

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अब दिल ये मेरी सुनता नहीं

बहुत समझाया है मैने इस दिल को
पर अब ये मेरी सुनता नहीं
हर धड़कन में अब तुम हो बसे
कि ये सपना कोई बुनता नहीं
तुम अब मेरे नही हो सकते ये दिल भी जानता है
पर इस दिल का क्या कसूर ये तो तुझे ही खुदा मानता है
तुम कहते हो जीवन में आगे बढ़ो सब ठीक होगा
लेकिन तुम्हें भी पता है कि तुम्हारी तरह कोई मुझे समझ सकता नहीं
बहुत समझाया है मैने इस दिल को
पर अब ये मेरी सुनता नहीं
भले ही ऊपरवाले ने हमारी जोड़ी ना बनाई हो
लेकिन इस जीवन में कुछ पल ही सही तेरे होने का एहसास हुआ , इससे बड़ी क्या खुदाई हो
बस दुआ है यही रब से…….
जब जिंदगी दे तो तेरे साथ नही तो जिंदगी ना दें
बहुत समझाया है मैने इस दिल को
पर अब ये मेरी सुनता नही
ऐ मेरे हमदम मुझपर एक और एहसान कर
आखिरी ख्वाहिश है दिल की यही समझकर
मेरा दिल तो रौशन है बस तेरे ही होने से
इसलिए इस दिल में तुम कभी अंधेरा करना नही
बहुत समझाया है मैने इस दिल को
पर अब ये मेरी सुनता नहीं

-प्रशांत आयुष वर्मा 
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पानी से पानी पे पानी लिख रहा हूँ
मैं तेरे मेरे इश्क की कहानी लिख रहा हूँ
खुद को नासमझ तुझको अनजानी लिख रहा हूँ..
मैं तेरे मेरे इश्क की कहानी लिख रहा हूँ
कभी चलती है कलम तो कभी रुक सी जाती है
कभी सोच में है मेरी तरह
अपनी ही सोच को बेइमानी लिख रहा हूँ
मैं तेरे मेरे इश्क की कहानी लिख रहा हूँ..
बहुत पुरानी बात है जो अब याद बन गई
जिसने बुना था मेरा कल,किसी का आज बन गई
उसी याद के सहारे ये जिंदगानी लिख रहा हूँ
मैं तेरे मेरे इश्क की कहानी लिख रहा हूँ..
कभी आई थी जिंदगी मेरे भी दरवाजे पर
मुझे होश न था और वो खटखटा कर चली गई
अपनी उसी बेहोशी को 'राज' कुर्बानी लिख रहा हूँ
मैं तेरे मेरे इश्क की कहानी लिख रहा हूँ..
प्यार क्या है और वफा है क्या 
ये फल्सफा बता गई
वो पागल सी लड़की जो मुझे जीना सिखा गई
आज उसी को मैं मरजानी लिख रहा हूँ 
मैं तेरे मेरे इश्क की कहानी लिख रहा हूँ....
मैं तेरे मेरे इश्क की कहानी लिख रहा हूँ......

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